उस
नाकाम
के हाथों
होना
कोई
बड़ा
काम
लिखा था।
जिस
पत्थर को
बाँधकर की
उसने
दरिया में
ख़ुदकुशी,
.... उस पे
न जाने
किसने
'राम'
लिखा था .
आपका नीलेश, मुंबई
नाकाम
के हाथों
होना
कोई
बड़ा
काम
लिखा था।
जिस
पत्थर को
बाँधकर की
उसने
दरिया में
ख़ुदकुशी,
.... उस पे
न जाने
किसने
'राम'
लिखा था .
आपका नीलेश, मुंबई