Wednesday, January 26, 2011

शाब्दिक मौन 'शांत' होना है... और मानसिक मौन 'प्रशांत' होना

'मौन' को सभी सिद्धात्माओं ने अपनाया क्योंकि मौन से आत्म शोध का अवसर मिलता हैसमय-समय पर आत्म-शोध आत्म परिष्कार के लिए अपरिहार्य हो जाता हैकभी-कभी हम ऐसे दौर से गुजरते हैं जब ... जहाँ ... हमें ये अवसर ही नहीं मिलता कि हम अपने गत कार्यों और उनके प्रभावों का मूल्यांकन कर पाएं ...फिर ये प्रभाव स्वयं के सन्दर्भ में हो अथवा अन्य के सन्दर्भ मेंकभी-कभी इसका अनुमान हमें वाह्य स्रोतों से होता है, जिसमें यदि सब कुछ सकरात्मक होता है तब तो ठीक है अन्यथा नकरात्मकता से मानसिक नकरात्मकता ही जन्म लेती है... जो हमें अशांत कर जाती हैअपने पराये लगने लगते हैं, प्रतिपक्षी के स्थान पर विपक्षी का भाव जन्म लेने लगता है, चतुर्दिक अवसाद सक्रिय हो उठता हैऐसी अवस्था के लिए ही 'मौन' सार्थक उपाय एवं आत्म-आश्रय होता है ... आत्म-गुहा में ध्यानस्थ ये अवस्था हमें ये अवसर देती है कि हम आत्म आंकलन करें और स्वयं को ही सदैव सही समझने की भूल से भी उबरेये भी हो सकता है कि हम सही में सही हों परन्तु परिस्थितियों अथवा परिप्रेक्ष्य के सन्दर्भ में नहीं। 'मौन' एक ढाल है; निरर्थक वाद-विवाद के वार से बचने के लिए साथ ही निर्मूल्य आलोचना और मूल्यांकन के खिलाफ भी

ऐसे में यदि हम मौखिक मौन को धारण करते हैं तो मन 'शांत' होता है ... और अगर हम इस अवस्था से भी आगे निकल जाते है तो हमारा आंतरिक -द्वंद्व धीरे-धीरे शून्य हो जाता है ...यहीं पर मानस शांत होता है... और मानस का शांत होना ही 'प्रशांत' होना होता है...हर गौतम की आत्म-गवेषणा का आत्यंतिक लक्ष्य !

'शांत' हो...'प्रशांत' हो जाओगे!

आपका नीलेश
मुंबई

Thursday, January 6, 2011

ज़माना अज़ब सा हो गया है

ज़माना

अज़ब सा हो गया है

जिसके पास ज़्यादा है

उसी को लगता है

कहीं कुछ और कमी है।

हर कोई मशगूल है

ख़ुद में ... मगर

कहता है उसको

ज़माने की पड़ी है ।

सौ हाथ हैं

जिनके सहारे को

उनके पास ही

जादू की छड़ी है ।

जिनके पास

समय के लिए

समय ही नहीं

उनकी हर दीवार पर

एक घड़ी है ।


आपका नीलेश
मुंबई

Monday, January 3, 2011

इस बरस एक वादा करें

इस बरस एक वादा करें
जो हम हैं बस वही होने का
अपनी पहचान को पहचानकर
उसको नहीं खोने का
क्योंकि ख़ुद की झूठी पहचान
एक दिन ख़ुद को ही छल जाती है
वैसे भी चिकने कागज़ पर छपने से
कहानी नहीं बदल जाती है .


---- नया साल मुबारक हो!

आपका नीलेश जैन
मुंबई