Monday, December 10, 2018
Sunday, December 9, 2018
Thursday, November 1, 2018
Friday, February 23, 2018
Friday, February 9, 2018
सच में दम हो तो ख़ुद टकसाल बनो
जिस दिन ज़माने के चलन में ढल जाओगे
उस दिन खोटे सिक्के होकर भी चल जाओगे
पर जो बदलते हैं दुनिया का चलन
फिर उनके जैसे कहाँ बन पाओगे
जो देता है एक शक्ल पिघले सुर्ख इस्पात को
वक़्त के हिसाब से कभी हथियार तो कभी औजार को
जिसके बनते हैं सांचे वो फौलाद बनो
और सच में दम हो तो ख़ुद टकसाल बनो ।
- नीलेश जैन
मुंबई
Wednesday, January 31, 2018
Subscribe to:
Posts (Atom)