Tuesday, February 3, 2009

घर बुलाता है ..बहुत याद आता है

पहला गाना बच्चों को बहुत अच्छा लगा ...और अब एक और... विदेशों या बड़े शहरों में रहने वाले उन बच्चों के लिए, जिन्हें अपने मम्मी-पापा का साथ बहुत कम मिल पाता है, और वो अपने दादा-दादी और नाना-नानी के मीठे प्यार को अन्दर-ही-अन्दर बहुत मिस करते हैं :

समझा हम को पूरा बच्चा

घुमा -घूमा के देते गच्चा
एक था राजा एक थी रानी

रोज़-रोज़ बस वही कहानी


बच्चा सुन नहीं सकता है

न्यू -न्यू अच्छा लगता है

बात ये समझो बिटिया रानी

जानो हमरी ये परेशानी

कहाँ से लाये पप्पा ज़ानी

रोज़ -रोज़ एक नई कहानी

पप्पा कह नहीं सकता है

तुम बिन रह नहीं सकता है

हमने मन में अब ये ठानी

छुट्टी अब नहीं, यहाँ बितानी

न यहाँ दादी, न यहाँ नानी

बिन हाथ के लड्डू, मीठी बानी

बच्चा रह नहीं सकता है

न्यू -न्यू अच्छा लगता है

करने लगी है अब मनमानी

मेरी गुड़िया हुयी सयानी

हर बात तुम्हारी हमने मानी

रूठो न अब गुड़िया रानी

पप्पा सह नहीं सकता है

तुम बिन रह नहीं सकता है


आप सबका !

नीलेश जैन

मुंबई

04-02-2009