Thursday, January 6, 2011

ज़माना अज़ब सा हो गया है

ज़माना

अज़ब सा हो गया है

जिसके पास ज़्यादा है

उसी को लगता है

कहीं कुछ और कमी है।

हर कोई मशगूल है

ख़ुद में ... मगर

कहता है उसको

ज़माने की पड़ी है ।

सौ हाथ हैं

जिनके सहारे को

उनके पास ही

जादू की छड़ी है ।

जिनके पास

समय के लिए

समय ही नहीं

उनकी हर दीवार पर

एक घड़ी है ।


आपका नीलेश
मुंबई