Tuesday, September 11, 2012


'उनके'
लिए 
गुल 
के 
रंग 
नहीं,
बस 
खुशबू
की 
बात है !

'जिनके '
लिए 
दिन 
भी 
रात है।

कुदरत का ये कैसा खेल है!
सूरज सबके हिस्से आया पर रोशनी नही!?!

आपका नीलेश जैन